prem
gazal our sayri
Wednesday, October 1, 2008
जिंदगी
"क्यों
खुदा ने पथ्थर सा बनाया हमें,
क्यों
काँटों में भी महेकना शिखाया
हमें;
varna में
तो मर जाता इन दुनिया की ठोकरों से
मेरे
दोस्तों ने जिन्दगी जीना शिखाया हमें।"
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