prem
gazal our sayri
Friday, May 29, 2009
परिभाषा
कभी खुशी की आशा कभी गम की निराशा
कभी सपनो की चाँदनी,कभी हकीकत की छाया;
कुछ खोकर कुछ पाने की आशा ,
शायद यही हैं जिन्दगी की परिभाषा।
जिंदगी
ना जीने का खुशी,ना मरने का गम;
गम हैं to उनसे मिलने का,
jiten हैं इस aasha पर;
कभी वो हमारे हो जायेंगे ,
मरते नही isiliye की woh akele रह जायेंगे।
बेवफा
वफ़ा के नाम से वोह अन्जान थे,
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे;
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला की,
हम ख़ुद "बेवफा"के नाम से बदनाम थे।
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