prem
gazal our sayri
Sunday, September 21, 2008
इन्तेजार
"जान से भी ज्यादा प्यार उन्हें किया करते थे,
याद उन्हें दिन रात किया करते थे।
अब उन रस्तोसे गुजरा भी नही जाता;
जहाँ बैठकर उनका इन्तेजार किया करते थे."
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