prem
gazal our sayri
Thursday, February 19, 2009
ज़िन्दगी
"दिल
से रोये मगर होठो से मुस्कुराते रहे,
युहीं हम किसीसे वफ़ा निभा बेठे;
वो हमें एक लम्हा भी न दे सके अपने प्यार का,
और हम उनके लिए अपनी जिंदगी गवां बेठे। "
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