prem
gazal our sayri
Friday, May 29, 2009
परिभाषा
कभी खुशी की आशा कभी गम की निराशा
कभी सपनो की चाँदनी,कभी हकीकत की छाया;
कुछ खोकर कुछ पाने की आशा ,
शायद यही हैं जिन्दगी की परिभाषा।
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