gazal our sayri
दोस्ती में इन्तेहा लिया नही करते,
दोस्तो को इन्तेजार करवाया नही करते;
ऐसी भी क्या खता हुई हमसे की रोज़ याद करने वाले
अब एक पल भी याद नही करते।
************************प्रेम*******************
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