prem
gazal our sayri
Wednesday, June 11, 2008
कशिस
कशिश दिल की हर चीज़ भुला देती हैं ,
बंद आंखो में भी सपना सजा देती हैं ,
सपनो की दुनिया जरूर रखना ;
क्योंकि हकीकत अक्सर रुला देती हैं......................"प्रेम'
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