Thursday, May 1, 2008

तस्वीर

"किम्मत तो बढ़ गई हैं शहेरो में धान की,
लेकिन बिदा न हो शकी बेटी किशान की;
कुछ लोग मतलब परस्त के वास्ते,
तस्वीर ही बिगाड़ दी हिंदुस्तान की......प्रेम"

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