prem
gazal our sayri
Thursday, May 1, 2008
तस्वीर
"किम्मत तो बढ़ गई हैं शहेरो में धान की,
लेकिन बिदा न हो शकी बेटी किशान की;
कुछ लोग मतलब परस्त के वास्ते,
तस्वीर ही बिगाड़ दी हिंदुस्तान की......प्रेम"
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment