Tuesday, May 20, 2008

ग़ज़ल




कागज़ पे हमने जिन्दगी लिख दी,


अश्को से सींचकर हर खुशी लिख दी;


दर्द को जब हमने उभारा लफ्जो पे ,


तो लोगो ने कहा वाह! क्या ग़ज़ल लिख दी.............:प्रेम"

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