prem
gazal our sayri
Tuesday, May 20, 2008
यादें
यादों
की किम्मत वो क्या जाने ,
जो ख़ुद यादों के मिटा दिए करते हैं;
यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो
यादों के सहारे जिया करते हैं.......................प्रेम"
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