prem
gazal our sayri
Tuesday, December 23, 2008
तस्वीर
"कीमत तो बढ़ गई हैं शहेरो में धान की,
बिदा न हो सकी बेटी किशान की ;
कुछ लोग मतलब परस्त के वास्ते ,
तस्वीर ही बिगाड़ दी इस हिंदुस्तान की।"
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