gazal our sayri
सुंदर कविता है मित्र |जीवन का मर्म दर्शाती है |धन्यवाद |
हिंदी लिखाड़ियों की दुनिया में आपका स्वागत। खूब लिखे। बढ़िया लिखें ..हजारों शुभकामनांए
स्वागत है आपका लिखते रहें
Accchi tasveer ke saath acchi post, Swagat.
सुंदर सोच, अच्छा लिखा
जितना सुन्दर चित्र,उतने ही सुन्दर अल्फाज भीहिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है.खूब लिखें,अच्छा लिखें
महज़ अलफाज़ से खिलवाड़ नहीं है कविताकोई पेशा ,कोई व्यवसाय नही है कविता ।कविता शौक से भी लिखने का नहींइतनी सस्ती भी नहीं , इतनी बेदाम नहीं ।कविता इंसान के ह्रदय का उच्छ्वास है,मन की भीनी उमंग , मानवीय अहसास है ।महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नही हैं कविताकोई पेशा , कोई व्यवसाय नहीं है कविता ॥कभी भी कविता विषय की मोहताज़ नहींनयन नीर है कविता, राग -साज़ भी नहीं ।कभी कविता किसी अल्हड योवन का नाज़ हैकभी दुःख से भरी ह्रदय की आवाज हैकभी धड़कन तो कभी लहू की रवानी हैकभी रोटी की , कभी भूख की कहानी ही । महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नहीं ही कविता,कोई पेशा , कोई व्यवसाय नहीं ही कविता ॥मुफलिस ज़िस्म का उघडा बदन ही कभीबेकफान लाश पर चदता हुआ कफ़न ही कभी ।बेबस इन्स्सन का भीगा हुआ नयन ही कभी,सर्दीली रत में ठिठुरता हुआ तन ही कभी ।कविता बहती हुई आंखों में चिपका पीप ही,कविता दूर नहीं कहीं, इंसान के समीप हैं ।महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नहीं ही कविता,कोई पेशा, कोई व्यवसाय नहीं ही कविता ॥ KAVI DEEPAK SHARMAhttp://www.kavideepaksharma.co.inhttp://Shayardeepaksharma.blogspot.com
सुंदर
very nice poem.thanks
आपका चिट्ठा जगत में स्वागत है निरंतरता की चाहत है मेरे ब्लॉग पर पधारें आपका स्वागत है
UNDAR KAVITA HE MITRA
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12 comments:
सुंदर कविता है मित्र |
जीवन का मर्म दर्शाती है |
धन्यवाद |
हिंदी लिखाड़ियों की दुनिया में आपका स्वागत। खूब लिखे। बढ़िया लिखें ..हजारों शुभकामनांए
स्वागत है आपका लिखते रहें
Accchi tasveer ke saath acchi post, Swagat.
सुंदर सोच, अच्छा लिखा
जितना सुन्दर चित्र,उतने ही सुन्दर अल्फाज भी
हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है.
खूब लिखें,अच्छा लिखें
महज़ अलफाज़ से खिलवाड़ नहीं है कविता
कोई पेशा ,कोई व्यवसाय नही है कविता ।
कविता शौक से भी लिखने का नहीं
इतनी सस्ती भी नहीं , इतनी बेदाम नहीं ।
कविता इंसान के ह्रदय का उच्छ्वास है,
मन की भीनी उमंग , मानवीय अहसास है ।
महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नही हैं कविता
कोई पेशा , कोई व्यवसाय नहीं है कविता ॥
कभी भी कविता विषय की मोहताज़ नहीं
नयन नीर है कविता, राग -साज़ भी नहीं ।
कभी कविता किसी अल्हड योवन का नाज़ है
कभी दुःख से भरी ह्रदय की आवाज है
कभी धड़कन तो कभी लहू की रवानी है
कभी रोटी की , कभी भूख की कहानी ही ।
महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नहीं ही कविता,
कोई पेशा , कोई व्यवसाय नहीं ही कविता ॥
मुफलिस ज़िस्म का उघडा बदन ही कभी
बेकफान लाश पर चदता हुआ कफ़न ही कभी ।
बेबस इन्स्सन का भीगा हुआ नयन ही कभी,
सर्दीली रत में ठिठुरता हुआ तन ही कभी ।
कविता बहती हुई आंखों में चिपका पीप ही,
कविता दूर नहीं कहीं, इंसान के समीप हैं ।
महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नहीं ही कविता,
कोई पेशा, कोई व्यवसाय नहीं ही कविता ॥
KAVI DEEPAK SHARMA
http://www.kavideepaksharma.co.in
http://Shayardeepaksharma.blogspot.com
सुंदर
very nice poem.
thanks
आपका चिट्ठा जगत में स्वागत है निरंतरता की चाहत है
मेरे ब्लॉग पर पधारें आपका स्वागत है
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UNDAR KAVITA HE MITRA
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