"खुश्बू के साथ फूल हमने पाया हैं ,
प्यार मे उसके वक्त हमने गवायाँ हैं।
दिल टूट गया हमारा उनकी दोस्ती मे,
दोस्त तो कहेलाता हैं मगर,
दुश्मन हमने पाया हैं।
टुटा दिल हमारा देखकर कफ़न भी रोने लगा,
तब आवाज़ आई टूटे दिल हुवे दिल से,
की "क्यों न सोउ तुजे लिपट के 'ऐ कफ़न,
मैंने भी तुजे अपनी जान देकर तुम्हे पाया हैं.............................प्रेम"
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